स्तन कैंसर

 हम हर दिन कैंसर के बारे में इतना सुनते हैं, आखिर यह है क्या? जवाब सिंपल है। हमारे शरीर में खरबों कोशिकाएं होती हैं। आमतौर पर ये एक खास पैटर्न में नियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और एक समय के बाद खुद ही नष्ट हो जाती हैं। जो कोशिकाएं नष्ट होती हैं उनकी जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं। कैंसर होने पर कोशिकाओं का यह कंट्रोलिंग इफेक्ट खत्म हो जाता है और ये अनियंत्रित तरीके से कई गुना बढ़ जाती हैं। जब ये अतिरिक्त कोशिकाएं एक जगह जमा हो जाती हैं तो ट्यूमर का रूप ले लेती हैं।

जब कैंसर स्तन में विकसित होता है तो इसे ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर कहते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, ब्रेस्ट कैंसर दुनिया के सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। भारत में हर साल करीब 2 लाख से अधिक महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर डाइग्नोज हो रहा है।


ब्रेस्ट कैंसर क्या है?

जब कैंसर स्तन की कोशिकाओं में विकसित होता है तो इसे स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर) कहते हैं। आमतौर पर ब्रेस्ट कैंसर लोब्यूल्स या ब्रेस्ट के डक्ट्स यानी नलिकाओं में होता है।


ब्रेस्ट कैंसर के क्या हैं लक्षण?



आमतौर पर शुरुआती स्टेज में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। कई बार कुछ ट्यूमर बनने शुरू हो जाते हैं, पर ये इतने छोटे होते हैं कि बाहर से महसूस नहीं होते हैं। अगर नियमित मैमोग्राम टेस्ट करवा रहे हैं तो ये पकड़ में आ सकते हैं।


स्तन में कोई गांठ महसूस हो रही है तो यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकती है। हालांकि स्तन की सभी गांठें कैंसर नहीं होती हैं।




ब्रेस्ट कैंसर कई तरह के होते हैं, सभी अलग तरह के लक्षण पैदा करते हैं। कुछ लक्षण कॉमन भी होते हैं, इन्हें पहचानना आसान होता है। आइए इन्हें ग्राफिक में देखते हैं:



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